जीवन है जीने का नाम संसार में कर्त्तव्य निभाना और फिर संसार के प्रति कोई कामना नहीं रखकर अपने जीवन को जीना ,बस ये जीवन का ढंग सही है 1 कामनायें रखोगे समस्यायें खडी होंगी ! बेटा बडा होगा मेरी सेवा करेगा , ऐसी कामना रखोगे और यदि फिर सेवा नहीं होगी तब दुःख होगा 1 अगर सेवा होगी भी तो जितनी आप चाहते हैं ,उतनी नहीं होगी तब भी दुःख होगा 1मतलब यह् है कि जब कामनायें पाली जाती हैं तो वह फिर दुख देती हैं ! जब जब इंसान कामनाओं में कुछ पाने की इच्छा में ज्यादा से ज्यादा अनुर्क्त हो जाताहै तब बंधन आता है ,दुःख मिलता है !
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4 years ago
1 comment:
अति सुन्दर । बहुत बहुत धन्यवाद । विदेश में रहकर अब पुस्तकों की कमी नहीं खलती। पुराने दिनों में हमें और बच्चों को स्कूल मे कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, कह नहीं सकते।
धन्यवाद
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