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Monday, September 10, 2007

ज्ञान के नेत्र

ज्ञान के नेत्र

ज्ञान के नेत्र खुलने से ग्रन्थ समाज मे आता है,

उसका रहस्य खुलता है,

पर भाव के बिना ज्ञान अपना नहीं होता।



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