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Saturday, September 15, 2007

सुविचार - चिंता - धनवान - बोलना - प्रभाव

चिंता उन्हें होती हे जिन्हें ईश्वर पर विश्वास नहीं होता !

दूसरे के लिए ह्र्दय को संकीर्ण बनाकर हम निर्धन और उसे विशाल बनाकर हम धनवान बनं जाते हैं !

जब भी इंसान बोले तो ह्र्दय का प्रेम और म्स्तिष्क की बुद्धिमता, समझदारी दोनों का मेल मिलाकर ही बोलना चाहिए !

प्रभाव ही ऐसा विचित्र होता है कि जो चीज सच नहीं वह सच नजर आती है !

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