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Friday, October 12, 2007

लगन और द्रढता से मिलती है -सफ़लता




लगन से व्यक्ति गगन तक पहुंच जाता है और द्रढता से चट्टान की भाँती मजबूत बन जाता है। धुन के धनी और द्रढनिश्च्यी, सर्व श्रेष्ठ, धनुधर अर्जुन को चिडिया की आंख की छोटी सी पुतली ही दिखाई दीं अन्य कोई द्रश्य नही दिखा। इसी तरह भगवान् के भगत को दुनिया की हर वस्तु में वह वस्तु न दिखकर जब उसको बनाने वाला भगवान् दिखाई देने लगता है तो भक्ति फलित होने लगती है।

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