तुम प्रकाश हो! तुम्हारी शक्ती अप्रतिम है! लकिन तुम अपनी शक्ती को भूल गये हो! पिता परमात्मा ने तुम्हें ज्योतिरूप में इस जगत में भेजा है! तुम्हें अपने हिस्से का प्रकाश फैलाना है! जहाँ भी रहो उस स्थान को प्रकाशित करते रहो!
Param Pujya Sudhanshu Ji Maharaj
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