समय का नाश सर्वस्य का नाश है, इसलिए इस बहुमूल्य निधि को व्यर्थ न गवाएँ १जो समय व्यर्थ चला गया वह पुन; प्राप्त नहीं होगा! समय का उपयोग ऐसे करें की शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक स्तर पर आप उन्नत हो सकें! आपके कर्मों की सुगंध लंबे समय तक महकती रहे! आप समय को अच्छाई की सुगंध या बुराई की सुगंध में बदल सकते हैं! जो समय चला गया उस के लिय मत रोओं और उसका विचार भी मत करो! व्यक्ती कितना भी बीते समय को याद कर कर के रता रहे, जो बीत गया सो बीत गया! वह लौटकर वापिस नहीं आएगा!
अत: वर्त्तमान को सभालो !
पूज्य sudhaanshu ji mahaaraaj
dhrmduut aprel 2008 se
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