Saturday, May 31, 2008
स्वयं को समझाना - Explain to Yourself
दूसरों को समझाने के लिए अनेकों शास्त्र, दर्शन, तथा ज्ञान विज्ञान के ग्रन्थों को पढ़ने की आवश्यकता होती है! परन्तु स्वयं को समझाने के लिए उन सभी पर दृढ विश्वास और उनका आचरण करना होता है!
Param Pujya Sudhanshu Ji Maharaj
Friday, May 30, 2008
सदगुरू के सूत्र - Tips by Guru
उचित योजना -कार्य में सफलता
समय प्रबंधन -उन्नति का पथ
शांत मस्तिष्क -क्ष्रेष्ठ चिंतन
ध्यान की निरन्तरता - प्रभु की निकटता
धनार्जन से पहले-श्रद्धा
सृजन से पहले -सुयोजना
कथन से पहेले -विचार
जिस दिन आप अपनायेगे उसी क्षण आप आनंद की ओर बढ़ चलेंगे
पूज्य सुधांशु जी महाराज
Thursday, May 29, 2008
स्मरणीय -memorable
*तीसरी आँख प्रज्ञा की है ! जिसकी अन्दर की आँख खुली है वह कहीं ठोकर नहीं खा सकता !
*जब चिन्तन समाप्त हो जाता है तब व्यक्ती पशुलोक के धरातल पर जीता है !
*अगर स्वयं को कोसने ,प्रताडित करने और दबाने में लगे रहोगे टू कभी आगे न बढ़ सकोगे !
*जीवन में किसी को आगे बढ़ता देख कर ईर्षयका जागना स्वाभाविक है लेकिन अगर ईष्या को प्रतिस्पर्धा में बदल सको तब तुम सहज ही आगे बढ़ जाओगे !
*जब चिन्तन समाप्त हो जाता है तब व्यक्ती पशुलोक के धरातल पर जीता है !
*अगर स्वयं को कोसने ,प्रताडित करने और दबाने में लगे रहोगे टू कभी आगे न बढ़ सकोगे !
*जीवन में किसी को आगे बढ़ता देख कर ईर्षयका जागना स्वाभाविक है लेकिन अगर ईष्या को प्रतिस्पर्धा में बदल सको तब तुम सहज ही आगे बढ़ जाओगे !
Wednesday, May 28, 2008
तुम प्रकाश हो - Be a Light and Enlight Others
तुम प्रकाश हो! तुम्हारी शक्ती अप्रतिम है! लकिन तुम अपनी शक्ती को भूल गये हो! पिता परमात्मा ने तुम्हें ज्योतिरूप में इस जगत में भेजा है! तुम्हें अपने हिस्से का प्रकाश फैलाना है! जहाँ भी रहो उस स्थान को प्रकाशित करते रहो!
Param Pujya Sudhanshu Ji Maharaj
Param Pujya Sudhanshu Ji Maharaj
Tuesday, May 27, 2008
प्रकाश फैलाओ - bless others
जाग्रत दीप बनकर प्रकाश फेलाओ
दीया कभी भी जलता है तो पूरी दुनिया की जिम्मेदारी नहीं लेता की में सारी दुनिया को रोशनी दूँगा ! लेकिन जहाँ है वहाँ हिम्मत नहीं की अँधेरा उसके पास आ सके बस इतनी सी बात याद रखो ! जहाँ हो वहीं उजाला फैलाओ !
दीया कभी भी जलता है तो पूरी दुनिया की जिम्मेदारी नहीं लेता की में सारी दुनिया को रोशनी दूँगा ! लेकिन जहाँ है वहाँ हिम्मत नहीं की अँधेरा उसके पास आ सके बस इतनी सी बात याद रखो ! जहाँ हो वहीं उजाला फैलाओ !
Monday, May 26, 2008
शान्ती केसे पाएं - How to Find Peace?
शान्ती के समान कोई ताप नहीं है !
संतोष से बढ़कर कोई सुख नहीं है
शान्ती केसे पाएं - Find Peace
शान्ती के समान कोई टाप नहीं है !
संतोष से बढ़कर कोई सुख नहीं है !
तृष्णा से बढ़कर कोई व्याधी नहीं है !
दया के समान कोई धर्म नही है !
सत्य जीवन है और असत्य म्रत्यु !
घ्रणा करनी हो टू अपने दोषों से करो !
लोभ करना हो तो प्रभू ke स्मरण का करो !
बैर करना हो तो अपने दुराचारों से करो !
दूर रहना हो तो बुरे संग से रहो !
मोह करना हो तो परमात्मा से करो !
!! ॐ शांती !!
संतोष से बढ़कर कोई सुख नहीं है !
तृष्णा से बढ़कर कोई व्याधी नहीं है !
दया के समान कोई धर्म नही है !
सत्य जीवन है और असत्य म्रत्यु !
घ्रणा करनी हो टू अपने दोषों से करो !
लोभ करना हो तो प्रभू ke स्मरण का करो !
बैर करना हो तो अपने दुराचारों से करो !
दूर रहना हो तो बुरे संग से रहो !
मोह करना हो तो परमात्मा से करो !
!! ॐ शांती !!
Thursday, May 22, 2008
मन - Mind
मन बुरा नहीं है इसे सुंदर भावनाओं से तरंगित कीजिए! यही मन सुंदर विचारों से ऊँचाइयों को छू लेगा, और बुरे विचारों से नीचे गिर जाता है! इसलिए मन के अन्दर उठती तरंगों को पवित्र बनाए रखीए !
पूज्य सुधांशु जी महाराज
धर्मदूत मई २००८
Friday, May 16, 2008
विचार - Thought
एक नकारात्मक विचार स्वास्थय ख़राब कर सकता है टू यह भी ध्यान रखी की सकारात्मक विचार स्वास्थ बना भी सकता है!
मान अपमान में सदा एक जैसा रहना, चंचलता को छोड़ना, स्थिरता को अपनाना, सदैव खुश रहने की आदत डालना! इन सब कार्यों में आत्मा बलवान होती है! जाप और सेवा से आपकी आत्मा बलवान होगी! सेवा कार्य कोई हाथ में आए उसे बड़ी श्रृधा से करो! कई लोग सेवा करते हुए भला-बुरा कह देते हैं उनको आप हंसते हुए सुन लें!
पूज्यश्री सुधान्शुजी महाराज
धर्मदूत अप्रैल-२००८
मान अपमान में सदा एक जैसा रहना, चंचलता को छोड़ना, स्थिरता को अपनाना, सदैव खुश रहने की आदत डालना! इन सब कार्यों में आत्मा बलवान होती है! जाप और सेवा से आपकी आत्मा बलवान होगी! सेवा कार्य कोई हाथ में आए उसे बड़ी श्रृधा से करो! कई लोग सेवा करते हुए भला-बुरा कह देते हैं उनको आप हंसते हुए सुन लें!
पूज्यश्री सुधान्शुजी महाराज
धर्मदूत अप्रैल-२००८
Thursday, May 15, 2008
स्मरणीय - Remember for Long
समय का नाश सर्वस्य का नाश है, इसलिए इस बहुमूल्य निधि को व्यर्थ न गवाएँ १जो समय व्यर्थ चला गया वह पुन; प्राप्त नहीं होगा! समय का उपयोग ऐसे करें की शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक स्तर पर आप उन्नत हो सकें! आपके कर्मों की सुगंध लंबे समय तक महकती रहे! आप समय को अच्छाई की सुगंध या बुराई की सुगंध में बदल सकते हैं! जो समय चला गया उस के लिय मत रोओं और उसका विचार भी मत करो! व्यक्ती कितना भी बीते समय को याद कर कर के रता रहे, जो बीत गया सो बीत गया! वह लौटकर वापिस नहीं आएगा!
अत: वर्त्तमान को सभालो !
पूज्य sudhaanshu ji mahaaraaj
dhrmduut aprel 2008 se
अत: वर्त्तमान को सभालो !
पूज्य sudhaanshu ji mahaaraaj
dhrmduut aprel 2008 se
Saturday, May 10, 2008
लक्ष्य की प्राप्ती - Achieving of Target
लक्ष्य की प्राप्ती के लिय दृढ इच्छा शक्ती, कठोर अनुशासन, सही योजना,
सुव्यवस्थित जीवन और कड़ी मेहनत, दूर द्रष्टि रखिए, दूर तक देखिए, यह अपनाकर जब आप चलेंगे तो कैसा भी लक्ष्य हो जरूर प्राप्त होगा! भाग्य के भरोसे नहीं बैठना कर्मठ बनाना! तब बात बनेगी !
परम पूज्य सुधान्शु जी महाराज
अच्छे संस्कार - The Best Upbringing
संत पुरूष समझाते हें की बचपन से ही अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दो, उन्हें नियम पर चलना सिखाओ, उन्हें बाँट कर खाना, मिलकर रहना, सबकी सहायता करना, और प्रभु सिमरन करना सिखाओ !
अपना हिस्सा खालेना प्रक्र्ती ,
दूसरों का हिस्सा भी खाजाना विक्रती ,
अपना हिस्सा भी दूसरों को दे देना सन्स्कर्ती ,कहलाती है !
Vishwa Jagriti Mission
Param Pujya Sudhanshuji Maharaj
अपना हिस्सा खालेना प्रक्र्ती ,
दूसरों का हिस्सा भी खाजाना विक्रती ,
अपना हिस्सा भी दूसरों को दे देना सन्स्कर्ती ,कहलाती है !
Vishwa Jagriti Mission
Param Pujya Sudhanshuji Maharaj
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