भगवान का मंदिर
जिसे मान सन्मान मिलने पर अकड़ना नही आता और अनादर मिलने पर जो दुःखी नहीं होता, जो भला करके प्रसन्न होता है, जिसमे सदगुण - उदारता, सरलता और गंभीरता है, जिसके स्वभाव में बदला लेना और वैर रखना नहीं है, ऐसे व्यक्ति का ह्रदय भगवान का मंदिर है।
Sunday, August 26, 2007
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