"मनुष्य की यही महिमा हें कि वह स्वतन्त्र हें कर्म करने में और न करने में भी वह स्वतन्त्र हें और यही उसका विषाद भी हें । मनुष्य गलत करने में भी स्वतन्त्र हें । स्वतन्त्रता में गलत और सही दोनों की स्वतन्त्रता हें ।"
Respect
4 years ago
Suvichar good thoughts of Shri Sudhanshu Ji Maharaj are collected. These good thoughts ;suvichars are extracts of books published based on pravachans by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj & from pravachan on TV channels. The thoughts are presented in Hindi and English
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