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किसी के दुर्वचन कहने पर क्रोध न करना क्षमा कहलाता है !
जिस में दया नहीं ,उस में कोई सदगुण नहीं !
इश्वर ने आदमी को अपनी अनुकृतिका बनाया !
प्रत्येक मनुष्य को जीवन में केवल अपने भाग्य की परिक्षा का अवसर मिलता हे !
वही भविष्य का निर्णय कर देता है !
प्रत्येक अच्छा कार्य पहले असंभव नजर आता है !
जीवन एक पुष्प है और प्रेम उसका मधु है !
जिस में दया नहीं ,उस में कोई सदगुण नहीं !
इश्वर ने आदमी को अपनी अनुकृतिका बनाया !
प्रत्येक मनुष्य को जीवन में केवल अपने भाग्य की परिक्षा का अवसर मिलता हे !
वही भविष्य का निर्णय कर देता है !
प्रत्येक अच्छा कार्य पहले असंभव नजर आता है !
जीवन एक पुष्प है और प्रेम उसका मधु है !