Monday, October 29, 2012
Tuesday, October 23, 2012
आज का विचार - 10/16/12
Praveen Verma
आपकी शक्तियाँ अज्ञात हैं। सहज और शांत होकर अपने अन्दर छिपी हुई शक्तियों को पहचाना जा सकता है।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
All of us have hidden powers. These powers can be recognized when you are calm and peaceful.
VJMNA family wishes you all very Happy Navratri !
पंछी कभी संग्रह नहीं कर
पंछी कभी संग्रह नहीं करते , परमात्मा की ओर से भी उन्हें उतना ही मिल पाता................... .. |
Saturday, October 20, 2012
धरती अपनी मर्यादा में रहती है जो सन्देश देती है...
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Sunday, October 7, 2012
Fwd: [ADHYATMIK] आज का विचार - 10/05/12
---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: 2012/10/6
Subject: [ADHYATMIK] आज का विचार - 10/05/12
To: mggarga4@gmail.com
--
Madan Gopal Garga द्वारा ADHYATMIK के लिए 10/06/2012 09:26:00 am को पोस्ट किया गया
From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: 2012/10/6
Subject: [ADHYATMIK] आज का विचार - 10/05/12
To: mggarga4@gmail.com
: Praveen Verma
ईट पत्थरों से बना मकान सुन्दर दिख सकता है लेकिन घर का सौन्दर्य उसमें तब आता है जब उसमें प्रेम हो।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
A house can look beautiful with stones and bricks but the real beauty comes from having it filled with love.
Humble Devotee
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Madan Gopal Garga द्वारा ADHYATMIK के लिए 10/06/2012 09:26:00 am को पोस्ट किया गया
Saturday, October 6, 2012
दुनिया को देखकर अक्सर
Ramesh Kumar Mishra |
दुनिया को देखकर अक्सर लोग यही कहते हैं कि संसार दुखों का सागर है..इसमें चारों तरफ दुखों के सिवा और कुछ भी नजर नहीं आता..यहाँ तक कि हमारा शरीर भी अनेक व्याधियों का मंदिर है,,इसमें रोग ही रोग हैं,,लेकिन ज्ञानियों ने कहा कि जीवन के सम्पूर्ण दुःख हमारे दृष्टिकोण पर आधारित हैं..अगर हमारा दृष्टिकोण सही होगा तो सब कुछ हमें अनुकूल लगेगा..जीवन में जो प्राप्त नहीं है उसके लिए दुःख न मनाओ,,जो परमात्मा ने दिया है,,उसको पाकर ख़ुशी मनाओ,,परमात्मा ने हमें क्या-क्या दिया,,किस काबिल आपको बनाया,,उन खुशियों को सोचो,,अगर कुछ चीज हमारे जीवन में दुखदाई घटी है तो ऐसे सोचो कि क्या पता इसी में हमारी भलाई हो,,परमात्मा सबका भला करते हैं,,उसके यहाँ देर है,,अंधेर नहीं...इसलिए अपने दृष्टिकोण को ठीक कर उसके निर्णय को स्वीकार करें..अगर आपकी नजर ठीक हो गई तो नजारा स्वतः ही ठीक हो जायेगा..सुधांशुजी महाराज
Friday, October 5, 2012
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