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From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: 2011/11/28
Subject: [P R A R T H N A] गीता सार -२
To: madan4raj4@gmail.com
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Posted By Madan Gopal Garga to P R A R T H N A at 11/28/2011 10:41:00 AM
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Subject: [P R A R T H N A] गीता सार -२
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आज का जीवन सूत्र-२८-११-२०११
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गीता सार -२
तुम्हारा क्या गया ,जो तुम रोते हो ?तुम क्या लाये थे ,जो तुम ने खो दिया ?तुमने क्या पैदा किया था ,जो नाश हो गया ?न तुम कुछ लेकर आए ,जो लिया ,यहीं से किया १ जो दिया यहीं पर दिया !जो लिया इसी (भगवान ) से लिया ! जो दिया इसी को दिया ! खाली हाथ आए ,ओर खाली हाथ चले !जो आज तुम्हारा है , कल किसी ओर क़ा था ! परसों किसी ओर क़ा होगा ! तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो रहे हो ! बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दू:खों क़ा कारण है !
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
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