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Sunday, November 2, 2008

विद्या का प्रसार करना आपका कर्तव्य है

एक प्राध्यापक आपके जीवनकाल में सहस्त्रो विधार्थियों को ऍम ऐ करा देता है फिर भी उसके ज्ञान में कोई न्यूनता नहीं आती। एक दीपक लाखों को जला देता है। उसके प्रकाश मै कोई न्यूनता नहीं आती। विद्यां का नियम है की चाहे कितनी भी विद्या खर्च हो जाए तो भी देनेवाले की पुरी विद्या में कमी नही आती। हालाकि उसकी विद्या उपयोग करने से बढती है।

Vishwa Jagriti Mission

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