- विश्व जाग्रति मिशन
- भक्त वह हे जो अपना मन उस पृथवी के समान बना ले जिसमें लोग विष्ठा डालते हें पर वह
अन्न देती हे !
पूज्य सुधान्शु जी महाराज
Sunday, November 9, 2008
भक्त Devotee
Thursday, November 6, 2008
Sunday, November 2, 2008
विद्या का प्रसार करना आपका कर्तव्य है
एक प्राध्यापक आपके जीवनकाल में सहस्त्रो विधार्थियों को ऍम ऐ करा देता है फिर भी उसके ज्ञान में कोई न्यूनता नहीं आती। एक दीपक लाखों को जला देता है। उसके प्रकाश मै कोई न्यूनता नहीं आती। विद्यां का नियम है की चाहे कितनी भी विद्या खर्च हो जाए तो भी देनेवाले की पुरी विद्या में कमी नही आती। हालाकि उसकी विद्या उपयोग करने से बढती है।
Vishwa Jagriti Mission
Vishwa Jagriti Mission
Subscribe to:
Posts (Atom)