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Sunday, October 4, 2020

प्रेम वाला


प्रेम वाला इंसान ही दुनिया में निर्माण कर सकता है।


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज  

Tuesday, August 25, 2020

प्रेम वाला

प्रेम वाला इंसान ही दुनिया में निर्माण कर सकता है।

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज  

विचार ही जीवन

  • विचार ही जीवन की शक्ति हे , जीवन विचारों का खेल हे , जीवन में पवित्र विचारों को अपनाने की कोशिश करो ! दूशित विचार -शक्ति को पवित्र बनाओ ! जिससे दुर्जन , सज्जन बन जाएं , सज्जनता के विचार दुनिया में फैलें और दुष्टता मिट जाए !
  • धर्मदूत दिसम्बर २००८

Wednesday, August 19, 2020

आप कुछ नियम




परम पूज्य सुधांशुजी महारा


आप कुछ नियम बनाएँ। उन नियमों में एक नियम यह भी कि किसी को फ़ूल न दे सकें  मुस्कान तो हम जरूर देगें। किसी से बात करें तो बात की शुरुआत में मुस्कान पहले होनी चाहिए। हर बच्चे की सजावट उसकी मुस्कराहट है और इस दुनियाँ में हर फ़ूल की सजावट उसकी मुस्कराहट है। आपकी भी सजावट आपकी मुस्कराहट है तो अपनी मुस्कराहट को सजाइए। मुस्कराहट को लेकर घर से निकलिए, मुस्कराहट को लेकर घर में प्रवेश कीजिए। और देवताओं की आराधना करें तो मुस्करा कर करें और अपने गुरू को प्रणाम करें तो मुस्कान के साथ करें। अपने कर्मक्षेत्र में प्रवेश करें तो मुस्कराहट के साथ करें और जब अपने अन्न को देखें तो अन्न को भी मुस्कराकर देखिए। अपने घर भी जैसे पहली द्दर्ष्टि प्रवेश करते हुए डालते है तो मुस्कराहट की द्दर्ष्टि डालिए तो आप समझेंगे कि मनहूसियत निकलेगी और देवताओं की कृपा आपके घर में प्रवेश करेगी। 

Thursday, March 12, 2020

आप क्या बोलते हैं, बच्चा वो नहीं सीखता। आप क्या करते हैं और क्या घर का माहौल है, बच्चा वह सीखता है।


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

Sunday, March 1, 2020

परमात्मा के

परमात्मा के निकट पहुँचती है सरलता। वहां केवल सरलता ही पहुँचती है व नियम से बँधा हुआ हमारा जीवन्।

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

अपने सर्वश्रेष्ठ

अपने सर्वश्रेष्ठ सनय को जानें और उसका उपयोग करें ।

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 

Saturday, February 29, 2020

Respect

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज 

 Respect yourself and the world will respect you.

Monday, January 6, 2020

ज्यादा बोलकर,

ज्यादा बोलकर, कड़वा बोलकर अनिष्ट करने से अच्छा है मौन रहना।


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

Friday, January 3, 2020

जीवन संगीत है।




परम पूज्य सुधांशुजी महारा


जीवन संगीत है। सुर से बजाओगे तो बहुत अच्छा है, मधुर है और अगर सुर से भूल गए तो शोर है जीवनऔर उसको खुद भी नहीं सुन पाओगे दूसरे तो क्या सुनेगें ।

जीवन है चुनौती । नित नई नई चुनौती बनकर सामने आती हैं । जब आप बहादुर होकर चुनौती को स्वीकार करते हैं

तो वो कुछ न कुछ देकर ही जाएँगी, कुछ लाभ देंगी ।