From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: Tue, Jan 31, 2017 at 6:51 PM
Subject: Document from Madan Gopal Garga
To: mggarga@gmail.com
Suvichar good thoughts of Shri Sudhanshu Ji Maharaj are collected. These good thoughts ;suvichars are extracts of books published based on pravachans by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj & from pravachan on TV channels. The thoughts are presented in Hindi and English
"जीवन में कभी ऐसी घडियाँ भी आती है जब शब्द रुक जाते है, वाणी रुन्ध जाती है आप भाव विभोर होकर ईश्वर का धन्यवाद करना चाहते है, मगर वाणी साथ नहीं देती।
रोएं रोएं में कम्पन आ जाए, कुछ कह न पाएं , समझ न आए क्या कहुं ? मगर आभार व्यक्त करने का भाव जागृत हो जाए – वह प्रेम की अभिव्यक्ति है। भगवान की कृपाओं
के लिए जब शब्द न मिलें , होंठ हिलते रहें "प्रभु कैसे पुकारुं, क्या नाम दूं, किन शब्दों में तेरी प्रार्थना करुं। बुद्धि भी काम नहीं करती, बस तू मेरा है –केवल मेरा है" जब शब्द
मिल न पाएँ और आप कहना चाहते हों यह स्वरुप है प्रेम का। प्रेम में आप शब्द नहीं कह पाते, पर आपकी क्रियाओं में प्रेम है।"
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परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज