Subject: [GURUVANNI] नियम
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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUVANNI at 8/31/2015 04:48:00 PM
Suvichar good thoughts of Shri Sudhanshu Ji Maharaj are collected. These good thoughts ;suvichars are extracts of books published based on pravachans by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj & from pravachan on TV channels. The thoughts are presented in Hindi and English
Asatoma Sadgamaya
Thamaso Maa Jyothir Gamaya
Mrithyor Maa Amrutham Gamaya
Aum Shanti Shanti Shantihi
-- Vedic Chant
(Meaning: Lead me from the unreal to the real. Lead me from darkness to light. Lead me from death to immortality. May there be peace everywhere)
"जब देखो कि प्रभात आया है, पंछी पेड़ों पर चहचहाने लगे हैं फूलों की सुगन्ध बहने लगी है, ठंडी-ठंडी हवा चलने लगी है तो सोचना कि भगवान की तरफ से, भक्ति करने का सदेश आया है। हर सुबह की शुरुआत उसके भजन से, उसके पूजन से करो।"
"जब देखो कि प्रभात आया है, पंछी पेड़ों पर चहचहाने लगे हैं फूलों की सुगन्ध बहने लगी है, ठंडी-ठंडी हवा चलने लगी है तो सोचना कि भगवान की तरफ से, भक्ति करने का सदेश आया है। हर सुबह की शुरुआत उसके भजन से, उसके पूजन से करो।"
गंगा तट पर एक ऋषि का आश्रम था, जिसमें अनेक छात्र शिक्षा प्राप्त करते थे। जब शिष्यों की शिक्षा पूरी हो जाती और वे अपने घर वापस जाने लगते , तो ऋषि से पूछते कि गुरु दक्षिणा में क्या दें? ऋषि कहते कि तुमने जो पाया है, समाज में जाकर उस पर अमल करो,अपने पैरों पर खड़े हो, सच्ची कमाई करो और फिर एक साल बाद तुम्हारा जो दिल चाहे वह दे जाना। |